Amal 19, 21, 23 Ramzan
आमाल 19,21,23वीं रमज़ान शबे कद्र
1:-वक्त गुरूबे आफताब गुस्ल ताकि नमाज़ मगरिब गुस्ल की हालत मे हो!
2:-दो रकात नमाज़ जिसमे 1 बार अल्हम्द और 7 बार कुल हो अल्लाह सुरह पढ़ें नमाज़ सुब्ह की तरह!
3:-बाद नमाज़ 70 बार असतगफीरूल्लाह वातूबे अलैह पढें!
4:-फिर कुरान पाक हाथ मे लें खोल कर ये दुआ
पढें!
"बिस्मिल्ला हिर्रहमान निर्रहीम"
"अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलोका बे किताबिकल मुंज़ले वमा फी हिसमोकल अकबरो वा असमाओ कल हुसना वमा युखाफो वा युर्जा अंतजा अलनी मिन ओतकाओका मिन्ननारे वा तकज़ीया हवाएज लिद दुनिया वल आखिरते"!
इसके बाद दुआ हाजात तलब करें!
5:-इसके बाद कुरान पाक को
सर पर रक्खें और ये दुआ पढें!
"बिस्मिल्ला हिर्रहमान निर्रहीम"
अल्लाहुम्मा बेहक्के हाज़ल कुराने वा बेहक्के मन अरसलतहू बेही वा बेहक्के कुल्ले मोमिनीन मदहतहू फीहे वा बेहाक्केका अलैहिम फला अहादा आरफो बेहक्केका मिनका!
दुआ हाजात तलब करें!
6:-उसके बाद सर पर कुरान रक्खें हुये इन सब नामो को 10-10 बार पढें
1:-बेका या अल्लाह
2:-बे मोहम्मदिन
3:-बे अली
4:-बे फातेमता
5:-बिल हसने
6:-बिल हुसैने
7:-बे अली इब्नुल हुसैन
8:-बे मोहम्मद इब्ने अली
9:-बे जाफर इब्ने मोहम्मद
10:-बे मूसा इब्ने जाफर
11:-बे अली इब्ने मूसा
12:-बे मोहम्मद इब्ने अली
13:-बे अली इब्ने मोहम्मद
14:-बिल हसन इब्ने अली
15:-बिल हुज्जतिल काएमे अ स!
दुआ हाजात तलब करें!
नोट:-19 रमज़ानुल मुबारक की शब मे "Allahumma ला अन कता लतल अमीरल मोमिनीन 100 बार और इसी शब मे अस्तगफिरूल्लाह रब्बी वातूबो अलैह 100 बार पढें!
23 रमज़ानुल मुबार्रक 100 रकात नमाज़, और
इन्ना अलजलना 1000 बार तजबीहे फात्मा
पढें!
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